पंजाब के तरनतारन में 1993 में हुए फर्जी एनकाउंटर केस में CBI की स्पेशल अदालत ने रिटायर्ड SSP भूपेंद्रजीत सिंह, रिटायर्ड डीएसपी दविंदर सिंह समेत 5 पुलिस अफसरों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन सभी पर हत्या और आपराधिक साजिश यानी IPC की धारा 302 और 120-B के तहत मुकदमा चला।
1993 में घटे इस केस में 10 पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से 5 की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है। 28 जुलाई 1993 को डीएसपी भूपिंदरजीत सिंह के नेतृत्व में फर्जी मुठभेड़ को अंजाम दिया गया और 7 लोगों को झूठे एनकाउंटर में मार दिया।
सुप्रीम कोर्ट के 12 दिसंबर 1996 के आदेश के बाद यह केस सीबीआई को सौंपा गया। जब मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। दो पॉइंट्स के आधार पर समझ आया, मुठभेड़ फर्जी थी।