कहा जाता है कि मंदिर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर लगे बाल असली हैं। ये कभी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं। मान्यता है कि ऐसा इसलिए है कि यहां भगवान खुद विराजते हैं।
समुद्र की लहरों की ध्वनि
यहां जाने वाले बताते हैं कि भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है। यही कारण है कि मंदिर में मूर्ति हमेशा नम रहती है।
अद्भुत छड़ी
मंदिर में मुख्य द्वार पर दरवाजे के दाईं ओर एक छड़ी है। इस छड़ी के बारे में कहा जाता है कि बाल्यावस्था में इस छड़ी से ही भगवान बालाजी की पिटाई की गई थी, इस कारण उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई थी।
कभी बुझता नहीं है दीपक
मंदिर में मूर्ति के सामने दीपक जला हुआ रखा है। हालांकि, इस दीपक की विशेषता यह है कि यह कभी बुझता नहीं है और हजारों सालों से ऐसे ही जल रहा है।
नीचे धोती और ऊपर साड़ी
भगवान की प्रतिमा को प्रतिदिन नीचे धोती और ऊपर साड़ी से सजाया जाता है। मान्यता है कि बालाजी में ही माता लक्ष्मी का रूप समाहित है। इस कारण ऐसा किया जाता है।
मूर्ति को आता है पसीना
मान्यता है कि बालाजी को गर्मी लगती है कि उनके शरीर पर पसीने की बूंदें देखी जाती हैं और उनकी पीठ भी नम रहती है।