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बद्रीनाथ मंदिर के बारे में  10 रोचक तथ्य

स्थान: बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, अलकनन्दा नदी के किनारे हिमालय के दर्रे पर.

भगवान विष्णु का समर्पित: यह चार धाम यात्रा स्थलों में से एक है और इसे भगवान विष्णु को उनके रूप में बद्रीनाथ के रूप में समर्पित किया गया है.

प्राचीन इतिहास: माना जाता है कि मंदिर लगभग 1,200 वर्ष पुराना है, और इसकी वर्तमान रूप सन् 16वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था.

वास्तुकला: मंदिर उत्तर भारतीय वास्तुकला के "नगर" शैली का अनुसरण करता है, जिसमें ऊंची मध्यमय शिखर होता है.

बद्रीनाथ की मूर्ति: प्रमुख मूर्ति भगवान बद्रीनाथ की काली पत्थर से बनी हुई है और 3.3 फीट ऊंची है, जिसमें भगवान विष्णु ध्यानासन में बैठे हुए हैं.

खुलने और बंद होने की तारीखें  मंदिर हर साल अक्षय तृतीया पर खुलता है और सर्दियों में जब पर्वतारोहण हो जाता है, तब बंद हो जाता है.

आध्यात्मिक महत्व: माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने अलकनन्दा नदी में भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति को खोजा और मंदिर में स्थापित किया था.

पंच बद्री मंदिर: बद्रीनाथ पंच बद्री मंदिरों में से एक है, जो भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों में समर्पित हैं.

गर्म झरने: मंदिर संगठन में ताप्त कुंड भी शामिल है, जिसमें औषधीय गुण होते हैं। श्रद्धालु अक्सर मंदिर में प्रवेश से पहले इन जलों में स्नान करते हैं।

पहुँचाई: बद्रीनाथ मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जिसे हिंदुओं द्वारा धार्मिक यात्रा का प्रमुख स्थल माना जाता है।