इल्युमिनाटी ग्रुप 18वीं सदी में शुरू हुआ ऐसे लोगों का समूह है
जो भगवान को नहीं बल्कि शैतान को मानते हैं।
ये लोग अलग सोच के हैं जो अपनी सीक्रेट गतिविधियों
से नई दुनिया बसा रहे हैं और दुनिया के बड़े फैसलों पर प्रभाव
डालने की कोशिश करते हैं।
इस ग्रुप का ऑफिशियली कोई लोगो तो नहीं है लेकिन ग्रुप के लोग
एक आंख को अपना चिन्ह
मानते हैं।
देखते-ही-देखते
शेतान की पूजा करने वाला ये ग्रुप
भगवान को पूजने वालों के खिलाफ होने लगा।
खबरें आईं कि शेतान को खुश करने के लिए ये लोग इंसानों की
बली देते थे और आत्माओं
को गिरवी रखते थे।
कई देशों में एबॉर्शन गैरकानूनी था वहां ये लोग एबॉर्शन करते हुए इसे बढ़ावा देते रहे। इस ग्रुप के लोगों के लिए
आत्महत्या करना भी एक मामूली बात थी।
ये ग्रुप एक न्यू वर्ल्ड ऑर्डर तैयार करना चाहता है। न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का मतलब है
ऐसी दुनिया जहां न कोई सरकार हो
न कोई राजा।
दुनियाभर के कई नामी लोग भी
न्यू वर्ल्ड ऑर्डर थ्योरी से सहमत हैं
और सीक्रेटली इसका सपोर्ट भी करते हैं।
जब इस ग्रुप के लोग आम जनता पर हावी होने लगे तो
सरकार ने इनके खिलाफ सख्त
कदम उठाने का फैसला किया।
ऐलान हुआ कि इस ग्रुप से जुड़ने वाले
हर शख्स को सजा-ए-मौत दी जाएगी।
लेकिन इल्युमिनाटी नहीं रुका।
इस समय भी
इल्युमिनाटी समाज के लिए
खतरे की तरह काम कर रहा था।